HEROIZE SUPER PilesCare (Syrup)
Reaching Spiritual Wellness
Brand : Heroize
Net Wt. : 500 ML
Form : SYRUP
Product Description : An Ayurvedic Treatment for PILES PAIN/ BURNING/ BLEEDING/ SWELLING/ CONSTIPATION/ FISSURES/ FISTULAS/SAFE & EFFECTIVE
To Refrain : Avoid Tea, Cold Liquids Like Cold Drinks Etc. Sour And Fried Food Of Any Kind.
बवासीर में क्या न खाएं
फैट वाले आहार न खाएं
तेल में फैट बहुत अधिक मात्रा में पाया जाता है। फैट युक्त पदार्थ पेट के लिए बहुत खतरनाक होते हैं। फैट युक्त पदार्थों का अधिक सेवन करने से पेट में जलन, पेट में दर्द और सीने में जलन की समस्या हो सकती है। इन पदार्थों का सेवन करने से बवासीर का खतरा बढ़ जाता है क्योंकि, तैलीय पदार्थ कब्ज की शिकायत को बढ़ा देते हैं। डेयरी उत्पाद भी कम मात्रा में खाएं। घी का सेवन कम करें।
अधिक मसाले न खाएं
अधिक मसालेदार भोजन बिल्कुल न करें। खासकर किसी भी खाद्य पदार्थ के साथ काली मिर्च, लाल मिर्च का सेवन न करें। खाना बनाते समय मसाले और तेल कम मात्रा में डालें। सब्जियों के स्वाद को बढ़ाने के लिए तरह-तरह के मसाले डाले जाते हैं। लेकिन बवासीर में केवल उबली हुई सब्जी खाएं। मसालों का अधिक सेवन करने से भोजन ठीक से नहीं पच पाता है और स्टूल पास करते समय गुदा मार्ग में तेज जलन भी होती है।
स्मोकिंग न करें
स्मोकिंग करने से हमारे शरीर के अंदर पाई जाने वाली गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल दीवार (gastrointestinal wall) पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शराब भी उतना ही हानिकारक है जितनी सिगरेट। शराब का सेवन करने से शरीर में पानी की कमी हो जाती है। पानी की कमी के कारण मल कठोर हो जाता है। सिगरेट पीने वाले व्यक्ति की पाचन शक्ति कमजोर होती है। उसकी आन्तों का (bowel) मूवमेंट भी ठीक प्रकार से नहीं होता है। बवासीर है तो स्मोकिंग बहुत नुकसानदायक हो सकता है। सिगरेट गुदा में रक्त प्रवाह को बढ़ा देता है जिससे इंफेक्शन होने का खतरा भी बढ़ जाता है।
कैफीन न खाएं
कैफीन (Caffiene) पाचन के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं है। कैफीन का अधिक सेवन करने से दस्त हो सकता है। कॉफी और चाय में कैफीन अधिक मात्रा में पाई जाती है। कैफीन के सेवन से कब्ज की शिकायत होती है और शरीर में पानी की कमी भी हो जाती है। कैफीन युक्त पदार्थ मलाशय में सूजन का कारण बन सकते हैं। इसलिए बवासीर में कैफीन युक्त पदार्थ खाने से अच्छा है कि कोई स्वस्थ तरल पदार्थ पियें । चाय, कॉफी और चॉक्लेट में कैफीन बहुत अधिक मात्रा में मौजूद होता है।
प्रोटीन वाले आहार न खाएं
बवासीर से पीड़ित है तो प्रोटीन वाले आहार डाइट में शामिल ना करें। चाहे प्लांट प्रोटीन (Plant protein) हो या फिर एनिमल प्रोटीन (Animal protein) किसी का भी सेवन न करें। एनिमल प्रोटीन का सेवन करने से अधिक समस्याएं हो सकती हैं। प्रोटीन ठीक से नहीं पच पाता है जिसके कारण कब्ज और मलाशय (Rectum) में जलन होता है। यह गुदा मार्ग में सूजन को बढ़ाकर बवासीर को भी बढ़ाता है।
बेकरी वाले आहार न खाएं
बवासीर के दौरान बेकरी वाले आहार बिल्कुल भी लाभदायक नहीं होते हैं। बेकरी फूड्स जैसे कि केक और पेस्ट्री आदि में अंडे की भरपूर मात्रा पाई जाती है। यह कब्ज उत्पन्न करते हैं और बवासीर के खतरे को भी बढ़ा देते हैं।
बवासीर में क्या खाएं –
पत्तेदार सब्जियों का सेवन करें
हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन बवासीर में कई प्रकार के फायदे प्रदान करता है। पत्तेदार सब्जियों में कई तरह के एंटी–ऑक्सीडेंट (Anti-oxidant) और विटामिन (Vitamins) पाए जाते हैं जो मसल्स के लिए बेहतर कार्य करते हैं। हरी पत्तेदार सब्जियां पाचन को भी सुधारने का काम करती हैं और आंत की सफाई करती हैं। इसलिए भरपूर मात्रा में पालक, गाजर, पत्ता गोभी, खीरा, ब्रोकली आदि का सेवन करें।
भरपूर पानी पिएं
बवासीर है तो दिन में 4 से 5 लीटर पानी पिएं। पानी शरीर को कई तरह के लाभ प्रदान करता है। भरपूर पानी पीने से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थों को निकालने में आंत को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होती है। इसके अलावा खून का तापमान भी सामान्य रहता है जो बवासीर में फायदेमंद है| इससे कब्ज खत्म हो जाता है जिससे स्टूल पास करते समय आसानी होती है। पानी के अलावा आप कुछ अलग पेय पदार्थ भी इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे खीरे का जूस, पालक का जूस आदि।
साबुत अनाज (whole grains)
साबुत अनाज का सेवन करने से बवासीर को बढ़ने से रोकने में मदद मिलती है। आप चोकर युक्त पदार्थों का भी सेवन कर सकते हैं। साबुत अनाज का सेवन पाचन क्रिया में किसी प्रकार की परेशानी नहीं करता है जिससे मल का निकास आसानी से हो जाता है। ओटमील (Oatmeal), मल्टी ग्रेन ब्रेड (Multi Grain Bread), ब्राउन राइस आदि का सेवन करें। चोकर की रोटी खाएं क्योंकि इसमें भरपूर फाइबर पाया जाता है।
ईसबगोल की भूसी (plantago ovata husk)
ईसबगोल की भूसी में फाइबर भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं जो कब्ज से छुटकारा दिलाते हैं। इसके अलावा यह शुष्क मल को भी भारी बनाती है जिससे मल त्याग करते वक्त दर्द नहीं होता है और मल बिना किसी रुकावट के निकल जाता है। बवासीर से पीड़ित हैं तो ईसबगोल की भूसी को डाइट में शामिल करें।
फलों का सेवन करें
ताजे और शुद्ध फल का सेवन करना बवासीर में लाभदायक हो सकता है। फलों को छिलके के साथ खाएं, क्योंकि छिलके में सबसे अधिक फाइबर मौजूद होता है। फलों में कई तरह के विटामिन और मिनरल्स पाए जाते हैं जो पाचन तंत्र को मजबूत बनाते हैं। सेब, केला, संतरा, अंगूर आदि फलों का सेवन करने से बवासीर में लाभ मिलता है। ये सभी फल त्वचा के लिए बहुत लाभदायक हैं।
छाछ पिएं
छाछ का सेवन बवासीर में कई सारे लाभ पहुंचाता है। यह उत्तेजित नसों को शांत करता है जिससे ठंडक महसूस होती है। छाछ प्रोबायोटिक्स (Probiotics) की श्रेणी में आता है जिसके सेवन से सूजन दूर होता है। गुदा मार्ग में किसी प्रकार का इंफेक्शन हो गया है तो छाछ का सेवन करें।
अंकुरित अनाज खाएं
बवासीर में अधिक से अधिक विटामिन सी (Vitamin C), फाइबर (Fiber) और कैल्शियम (Calcium) युक्त पदार्थों का सेवन करना चाहिए। रोजाना आधा कटोरी अंकुरित अनाज का सेवन करना बहुत लाभदायक होगा। कच्चे अंकुरित अनाज खाने से बवासीर बढ़ जाता है। इसलिए रात में सोने से पहले इन्हें पानी में भिगो दें और सुबह सेवन करें। इन्हें खाते वक्त ठीक से चबाएं।
दही
दही भी प्रोबायोटिक्स की कैटेगरी में आता है। दही का सेवन करने से बवासीर में कई तरह के लाभ मिलते हैं। इसमें भरपूर मात्रा में विटामिन सी पाया जाता है जो मसल्स को टोन करता है। अगर गुदा क्षेत्र में सूजन है तो दही का सेवन अवश्य करें। दही का सेवन आप मिश्री के साथ कर सकते हैं। बवासीर है तो खाली समय में हल्की-फुल्की भूख लगने पर दही का सेवन ही करें।
जीरा
आप इसे सब्जियों के साथ खा सकते हैं। बवासीर में जीरा अनेक प्रकार के लाभ पहुंचाता है। आंतों में कीड़ा है या गुदा मार्ग में इंफेक्शन है तो जीरे का सेवन करें। भुने हुए जीरा के दो चम्मच पाउडर को एक गिलास गुनगुने पानी को साथ मिलाकर सेवन करें। यह बुखार से भी छुटकारा दिलाता है। एक चम्मच भुना हुआ जीरा और बराबर मात्रा में मिश्री को पीसकर चूर्ण चाटने से पाचन क्रिया बेहतर होती हैं।
अंजीर
बवासीर के खतरे को कम करना है तो अंजीर का सेवन करें। दो चम्मच पिसी हुई अंजीर को एक गिलास पानी में मिलाकर पीएं। इससे पाचन सुधरता है। अंजीर मसल्स और हड्डियों को भी मजबूत करती है।
शिमला मिर्च (bell peppers)
शिमला मिर्च का सेवन बवासीर में फायदेमंद होता है। इसमें भरपूर मात्रा में फाइबर होता है जो स्टूल को मुलायम बनाता है। शिमला मिर्च का सेवन करने से कब्ज की शिकायत नहीं होती है और स्टूल पास करते वक्त परेशानी नहीं होती है।
(उत्तम परिणाम के लिए रोजाना, सैर और व्यायाम करते रहें, सरीर में पानी की मात्रा मेन्टेन करके रखे यानि पानी ज़्यादा से ज़्यादा पिये)
Dosage : Use15-20 ML Twice a day or as directed by the physician.
Ingredients : Guggul, Salaki, Amla, Harad, Daru Haridra, Neem, Amaltash, Crucumin, Mukta Shukti, Lajjalu
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